बिन दस्तक, जैसे कोई ख़्वाब
आये तुम और चले गए
किसकी लिखूँ मैं जीत यहाँ ,
किसकी अब मैं हार लिखूँ
तूम कहो तो 'नाम' तुम्हारा
या इक शब्द मैं 'प्यार' लिखूँ
वो भी कैसे दिन थे 'जाना'
आये और आकर चले गए
कुछ लम्हों की जीवन गाथा
क्या उनका हर तार लिखूँ
तुम कहो तो 'साथ' तुम्हारा
या इक शब्द मैं 'प्यार' लिखूँ
तीक्ष्ण नज़र ओ मीठे अधर
लहू पे केहर उठा गए
आग़ोश मैं ख़ुशनुमा ज़िन्दगी
या साँसों की तेज़ रफ़्तार लिखूँ
तुम कहो तो 'स्पर्श' तुम्हारा
या इक शब्द मैं 'प्यार' लिखूँ
किस्मत में आई वो तराई
गिर ज़मीं पर आ गए
है अभिलाषी दिल मगर क्यों
उम्मीद उसे या एतबार लिखू
तुम कहो तो 'दर्द' हमारा
या इक शब्द मैं 'प्यार ' लिखूँ
आये तुम और चले गए
किसकी लिखूँ मैं जीत यहाँ ,
किसकी अब मैं हार लिखूँ
तूम कहो तो 'नाम' तुम्हारा
या इक शब्द मैं 'प्यार' लिखूँ
वो भी कैसे दिन थे 'जाना'
आये और आकर चले गए
कुछ लम्हों की जीवन गाथा
क्या उनका हर तार लिखूँ
तुम कहो तो 'साथ' तुम्हारा
या इक शब्द मैं 'प्यार' लिखूँ
तीक्ष्ण नज़र ओ मीठे अधर
लहू पे केहर उठा गए
आग़ोश मैं ख़ुशनुमा ज़िन्दगी
या साँसों की तेज़ रफ़्तार लिखूँ
तुम कहो तो 'स्पर्श' तुम्हारा
या इक शब्द मैं 'प्यार' लिखूँ
किस्मत में आई वो तराई
गिर ज़मीं पर आ गए
है अभिलाषी दिल मगर क्यों
उम्मीद उसे या एतबार लिखू
तुम कहो तो 'दर्द' हमारा
या इक शब्द मैं 'प्यार ' लिखूँ
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