केहते हैं, दर्द की बेहतर दवा यही
दिलको नए दर्द से मिला दीजिये
ख़फ़ा होता है, जिसे न पाके रूबरू
नाम उस सख्श का, दोहरा दीजिये
कभी तो दिलके, सब्र का बान टूटेगा
कभी तो उस यकीं का, ईमान छूटेगा
बताके अंजामे मोहब्बत, बार बार
उसकी मोहब्बत का इम्तेहाँ लीजिये
भर सके जो दामन में , नफ़रत की आग को
धर सके जो माथे पे, तोहमत के दाग़ को
उल्फ़त में हो दिल का, ऐसा ही जुनूँ अगर
ऐसे ज़िद्दी दिल का, कोई क्या कीजिये
केहते हैं, दर्द की बेहतर दवा यही
दिलको नए दर्द से मिला दीजिये
दिलको नए दर्द से मिला दीजिये
ख़फ़ा होता है, जिसे न पाके रूबरू
नाम उस सख्श का, दोहरा दीजिये
कभी तो दिलके, सब्र का बान टूटेगा
कभी तो उस यकीं का, ईमान छूटेगा
बताके अंजामे मोहब्बत, बार बार
उसकी मोहब्बत का इम्तेहाँ लीजिये
भर सके जो दामन में , नफ़रत की आग को
धर सके जो माथे पे, तोहमत के दाग़ को
उल्फ़त में हो दिल का, ऐसा ही जुनूँ अगर
ऐसे ज़िद्दी दिल का, कोई क्या कीजिये
केहते हैं, दर्द की बेहतर दवा यही
दिलको नए दर्द से मिला दीजिये
कहा की उन्हें भूलके, नया दर्द लिया जाए
केहता है दिल, यूँ भी कर आज़मा लीजिये
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