कोसों चले है तनहा
अब आराम दीजिये
कहतें है सब्र मेरे
सब्र से काम लीजिये
वो आप थे,ख़्वाब थे
या इश्क़ का बेहलावा
कहता है दिल मेरा
एक तो नाम लीजिये
आप ही से मिलके हुए
होश-ओ-समझ लापता
अर्ज़ है ढूंढ लाओ
आप इंतेज़ाम कीजिये
शर्त-ए-इश्क़ गर जुदाई है
मंज़ूर, फ़क़त इक इल्तिज़ा
भरके अपनी बाँहों में
प्यार सरे-आम कीजिये
प्यार ना दे सको ना सही
उन आँखों में जो जलता है
होंठों से होंठों को छूकर
नफ़रत का ज़ाम दीजिये
आपके बग़ैर भी जीके
हमनें दिखा दिया
अब संग हम मर सके
ये एहसान कीजिये
अब आराम दीजिये
कहतें है सब्र मेरे
सब्र से काम लीजिये
वो आप थे,ख़्वाब थे
या इश्क़ का बेहलावा
कहता है दिल मेरा
एक तो नाम लीजिये
आप ही से मिलके हुए
होश-ओ-समझ लापता
अर्ज़ है ढूंढ लाओ
आप इंतेज़ाम कीजिये
शर्त-ए-इश्क़ गर जुदाई है
मंज़ूर, फ़क़त इक इल्तिज़ा
भरके अपनी बाँहों में
प्यार सरे-आम कीजिये
प्यार ना दे सको ना सही
उन आँखों में जो जलता है
होंठों से होंठों को छूकर
नफ़रत का ज़ाम दीजिये
आपके बग़ैर भी जीके
हमनें दिखा दिया
अब संग हम मर सके
ये एहसान कीजिये
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