Monday, October 22, 2012

ये क्या बात हुई,
                        की हर जगह मिल जाते हो,
कभी ख्वाब,
कभी खुश्बू ,
कभी ख़याल बनके !!!!!!!!

कभी ख्वाइशो का आसमां लिए ,
                         कभी वजूद-ए -इश्क का सवाल बनके !!!!!!!!!
 

Friday, October 19, 2012

कभी, कही, कोई अगर मुलाक़ात होगी 
 
अब आंसुओं से ही, शुरुआत होगी 

खुसी के या ग़म के, ये वक़्त बतायेगा 

मगर है यकीं , के बरसात होगी 
लकीरों से तकदीर की कहानी पूछी है
आँखों से इश्क की रवानी पूछी हैं
कैसी दीवानगी इस कम्बख़त ने की
उनसे ही उनकी बेमानी पूछी है

वक़्त के  इस पहर मैं तस्वीर देखकर
उनकी आँखों से क्यों इक  सवाल कर दिया
उम्मीद ऐसी है, कोई जवाब आएगा
नामुमकीन बातों पर नादानी सूझी है