नया सा कुछ नहीं
फिर वही ले आये हैं
बुरा न मानो जानेमन
किस्सा तेरी बातों का
शाम ढले तारो तले
हलकी आँखें मूंदकर
सो बार होठों से लिया
स्पर्श तेरे हाथों का
धडकनों पर कान धरे
रूह से तेरी मिल लिए
वो मिलन भी हिस्सा रहा
तुझसे मिली सौगातों का
ये क्या लिखकर लाये हो
गिनती दिन दिन मिलने की
क्या हिसाब कर पाए तुम
तनहा रुदलती रातों का
मुट्ठी मेरी खोल कर
क्यों लकीरें ढूंढते हो
रंग अभी उतरा नहीं
प्यार की बरसातों का
मत्थ्हे मेरे चढ़ गए
जुगनू है बीतें कलके
दिल मैं मेरे रोशन रखते
दिया तेरे जस्बातों का
जाना था, तू चला गया
शायद यूँही होना था
पर समय दोहराता रहा
मर्म हसीं मुलाकातों का
मुझसे जो ले जा सको
'जाना' अबके ले जाना
और नहीं थामा जाता
समंदर तेरी यादों का
मौका चाहे कोई हो
चाहे कोई दस्तूर
हर जगह ले आतें हैं
किस्सा तेरी बातों का
बुरा न मनो जानेमन
बस किस्सा तेरी बातों का
फिर वही ले आये हैं
बुरा न मानो जानेमन
किस्सा तेरी बातों का
शाम ढले तारो तले
हलकी आँखें मूंदकर
सो बार होठों से लिया
स्पर्श तेरे हाथों का
धडकनों पर कान धरे
रूह से तेरी मिल लिए
वो मिलन भी हिस्सा रहा
तुझसे मिली सौगातों का
ये क्या लिखकर लाये हो
गिनती दिन दिन मिलने की
क्या हिसाब कर पाए तुम
तनहा रुदलती रातों का
मुट्ठी मेरी खोल कर
क्यों लकीरें ढूंढते हो
रंग अभी उतरा नहीं
प्यार की बरसातों का
मत्थ्हे मेरे चढ़ गए
जुगनू है बीतें कलके
दिल मैं मेरे रोशन रखते
दिया तेरे जस्बातों का
जाना था, तू चला गया
शायद यूँही होना था
पर समय दोहराता रहा
मर्म हसीं मुलाकातों का
मुझसे जो ले जा सको
'जाना' अबके ले जाना
और नहीं थामा जाता
समंदर तेरी यादों का
मौका चाहे कोई हो
चाहे कोई दस्तूर
हर जगह ले आतें हैं
किस्सा तेरी बातों का
बुरा न मनो जानेमन
बस किस्सा तेरी बातों का
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