Friday, August 15, 2014

ना कर मूझसे गुफ़्तार बन्दे , इश्क़ हो जायेगा 
ना कर यूँ ऐतबार बन्दे , इश्क़ हो जायेगा 
ख़ुद को खुद्की क़ैद में रखना, नया नहीं लगता 
ना कर मुझे आज़ाद बन्दे, इश्क़ हो जायेगा 

वाबस्ता है तुझसे जाना, कितनी शोख़ नज़र 
ना कर मुझपे नज़र बन्दे , इश्क़ हो जायेगा 
शहर क्या, गली क्या, कोई कूचा भी न देख 
न कर रुख़ मेरे घर का बन्दे, इश्क़ हो जायेगा 

मदमस्त है आँखें तेरी, वो बातें मनचली 
रख काबू में अरमाँ बन्दे, इश्क़ हो जायेगा 
हाथों से फिसल जाता है, क़तरा क़तरा चाहत का 
मुट्ठी में ने बांध बन्दे , इश्क़ हो जायेगा 

परिंदे हैँ ये ख्वाबों के, ख्वाबो में ही रहने दे 
ना दें हूँफ हक़ीक़त की , इश्क़ हो जायेगा 
बग़ावत ना मौहब्बत का, ज़रिया बन जाए 
ना कर मुझसे तक़रार बन्दे, इश्क़ हो जायेगा 


गुफ़्तार - to talk
वाबस्ता - attached, connected



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