इल्म था उसे भी
हम रास्ता न छोड़ेंगे
आँखें मूंद हमारी
जाने वो किधर गया
न कदमो के निशाँ
न बातों के गवाह
साँसों को मेहका
हवाओं में बिखर गया
हम रास्ता न छोड़ेंगे
आँखें मूंद हमारी
जाने वो किधर गया
न कदमो के निशाँ
न बातों के गवाह
साँसों को मेहका
हवाओं में बिखर गया
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