तंग रिश्ते भी उनसे
मोहब्बत है जिनसे
करे दिल बेचारा तो
'उफ़' क्या करे
बहोत कुछ है कहना
मगर चुप भी रहना
न ढाये क़हर 'अश्क़' तो
'उफ़' क्या करे
मोहब्बत है जिनसे
करे दिल बेचारा तो
'उफ़' क्या करे
बहोत कुछ है कहना
मगर चुप भी रहना
न ढाये क़हर 'अश्क़' तो
'उफ़' क्या करे
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