धुप मैं तपती सड़क, और तू खड़ा
मेरी आँखों मे पानी, वो सिसक याद है
आखरी लम्हे, तेरा चेहरा उदास
मौन में ढल रही, वो तड़प याद है
उससे पहले मगर, जो हम संग रहे
तीखे-मीठे किस्सों की कसक याद है
वोह रास्ता जिस पर, हम पैदल चले
उस शाम का साथी, वो फलक याद है
वो पेड़, वो मंदिर, वो तालाब की पाल
उस लम्बे सफ़र की, हर झलक याद है
वो बातें,लडाई , वो नाराज़गी मेरी
मुझे मनाने की तेरी, वो कसक याद है
हसकर,कसकर , मुझे गले से लगाना
प्यार मैं वो ज़िद ,तेरी अकड़ याद है
तेरे छुने से, जो रोम रोम पिघल जाता था
बिन अवाज़ के, उस तूफ़ान की खनक याद है
मिलो के फासलों पर, खयालो के खेल में
मन में तुझे, देख पाने का असर याद है
खुद से ,तुझसे ,चाहे सब से मैं कह्दु,
भूल गयी मैं तुझको, "तू" मगर याद है।
ख्वाब में,खुद में,सच में,कहानी में
हर ज़र्रे में तू,"तू" इस कदर याद है।
मेरी आँखों मे पानी, वो सिसक याद है
आखरी लम्हे, तेरा चेहरा उदास
मौन में ढल रही, वो तड़प याद है
उससे पहले मगर, जो हम संग रहे
तीखे-मीठे किस्सों की कसक याद है
वोह रास्ता जिस पर, हम पैदल चले
उस शाम का साथी, वो फलक याद है
वो पेड़, वो मंदिर, वो तालाब की पाल
उस लम्बे सफ़र की, हर झलक याद है
वो बातें,लडाई , वो नाराज़गी मेरी
मुझे मनाने की तेरी, वो कसक याद है
हसकर,कसकर , मुझे गले से लगाना
प्यार मैं वो ज़िद ,तेरी अकड़ याद है
तेरे छुने से, जो रोम रोम पिघल जाता था
बिन अवाज़ के, उस तूफ़ान की खनक याद है
मिलो के फासलों पर, खयालो के खेल में
मन में तुझे, देख पाने का असर याद है
खुद से ,तुझसे ,चाहे सब से मैं कह्दु,
भूल गयी मैं तुझको, "तू" मगर याद है।
ख्वाब में,खुद में,सच में,कहानी में
हर ज़र्रे में तू,"तू" इस कदर याद है।
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