Monday, January 21, 2013

मौजे-ए -दरिया, सब  तेरे रहे 
कतराए जुनूँ सा ,हम ले चले 

टहेरे से रास्ते,क्यों  हुए तवील 
चले तो मंज़िल,ज्यों कदमो तले 

आई न समझ, कई बातें तेरी 
बर आये तुझसे, तो दुश्मन भले 

हमे दे दर्द का, वो दामन ज़रा 
काश के मोहब्बत, तुझे तो फले 

हथेली पर चाँद तो, हम ला न सके 
आँखों में, तेरे नाम के है दीपक जले
 
और करीब तेरे, हम होने लगे 
प्यार तोड़ नफरत, जो की मनचले 

खोज में तेरी, 'जाना'  मिला कुछ बहोत 
तू न मिला, तो हम खुद खो चले 

नैनो में ठंडा, कुछ पानी ले भर
रोलेना, जब मेरी साँसे ढले
 

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