मौजे-ए -दरिया, सब तेरे रहे
कतराए जुनूँ सा ,हम ले चले
टहेरे से रास्ते,क्यों हुए तवील
चले तो मंज़िल,ज्यों कदमो तले
आई न समझ, कई बातें तेरी
बर आये तुझसे, तो दुश्मन भले
हमे दे दर्द का, वो दामन ज़रा
काश के मोहब्बत, तुझे तो फले
हथेली पर चाँद तो, हम ला न सके
आँखों में, तेरे नाम के है दीपक जले
और करीब तेरे, हम होने लगे
प्यार तोड़ नफरत, जो की मनचले
खोज में तेरी, 'जाना' मिला कुछ बहोत
तू न मिला, तो हम खुद खो चले
नैनो में ठंडा, कुछ पानी ले भर
रोलेना, जब मेरी साँसे ढले
कतराए जुनूँ सा ,हम ले चले
टहेरे से रास्ते,क्यों हुए तवील
चले तो मंज़िल,ज्यों कदमो तले
आई न समझ, कई बातें तेरी
बर आये तुझसे, तो दुश्मन भले
हमे दे दर्द का, वो दामन ज़रा
काश के मोहब्बत, तुझे तो फले
हथेली पर चाँद तो, हम ला न सके
आँखों में, तेरे नाम के है दीपक जले
और करीब तेरे, हम होने लगे
प्यार तोड़ नफरत, जो की मनचले
खोज में तेरी, 'जाना' मिला कुछ बहोत
तू न मिला, तो हम खुद खो चले
नैनो में ठंडा, कुछ पानी ले भर
रोलेना, जब मेरी साँसे ढले
No comments:
Post a Comment