Friday, January 4, 2013

मिलके तेरे ख्याल से, मेरे ख्याल लौटें  हैं 
साथ उनके मुश्किल , कुछ सवाल लौटें  हैं 
 
मेरी हथेलीयां , अपने  हाथों मैं लिए 
आँखों से चूमकर, जो सपने दिए 
 
लापता उन ख्वाबो का, निशाँ ढूंढ़ते 
नमी को, पलकों की चिलमन से मूंदते 
 
आवाज़ दे रहे हैं, धीमी पुकार से 
मायूसियो का झोका, हक़ से नकार के
 
पथरीले फासलों को ,हाथों से साफ़ कर 
तेरे दिल का हाले जहां, साँसों से माप कर 
 
कदमो को फूँक फूँक, रखा' ज़मीन पर 
बिन तेरी इज़ाज़त , तुझे तुझसे छिनकर 
 
कुछ पल के लिए लायें है , महफ़िल मे वो मेरी 
इक अरसे से इस दिल को,  आरज़ू है बस तेरी 
 
लेने जवाब मुझसे, कुछ सवाल लौटें हैं 
भरके तुझे बाँहों मैं, निहाल लौटें हैं 
मिलके तेरे ख्याल से मेरे ख्याल लौटें हैं 
साथ उनके मुश्किल , कुछ सवाल लौटें हैं
 
 
 
 

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