बख़्शे जो तूने
हम सर आँखोँ पर ले आए
बाकि लम्हें उल्फ़त के .... तेरी सल्तनत पे क़ुर्बान
मिलते है औरों से
अब मुस्कुराकर हम
नशा तेरे नाम का.… वाह वाही लेता है ज़ाम
हम सर आँखोँ पर ले आए
बाकि लम्हें उल्फ़त के .... तेरी सल्तनत पे क़ुर्बान
मिलते है औरों से
अब मुस्कुराकर हम
नशा तेरे नाम का.… वाह वाही लेता है ज़ाम
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