Friday, October 19, 2012

लकीरों से तकदीर की कहानी पूछी है
आँखों से इश्क की रवानी पूछी हैं
कैसी दीवानगी इस कम्बख़त ने की
उनसे ही उनकी बेमानी पूछी है

वक़्त के  इस पहर मैं तस्वीर देखकर
उनकी आँखों से क्यों इक  सवाल कर दिया
उम्मीद ऐसी है, कोई जवाब आएगा
नामुमकीन बातों पर नादानी सूझी है







 

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