ना हो तेरी खुशी
मेरे रुख़्सत की मोहताज़
नज़र जो फेरी तूने
कदम वही थम जायेंगे
ये तो ख्वाहिशें-वस्ल है
जो अब तक यही हु मैं
लबोँ से कहदो 'जाना'
उस ओर भी नज़र ना आयेंगे
मेरे रुख़्सत की मोहताज़
नज़र जो फेरी तूने
कदम वही थम जायेंगे
ये तो ख्वाहिशें-वस्ल है
जो अब तक यही हु मैं
लबोँ से कहदो 'जाना'
उस ओर भी नज़र ना आयेंगे
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