Tuesday, August 27, 2013

उसकी फ़ुर्कत ने लिए इम्तेहान
इम्तेहान की कोई हद्द होगी

उम्मीदे-मर्ग इन्तेहाँ तक
इन्तेहाँ की कोई हद्द होगी

तासीर- ए - नज़र, वो दे जाये दर्द
उस दर्द की कोई हद्द होगी

जा-ओ-बेजा, और फ़र्ज़ में अटके
उस फ़र्ज़ की कोई हद्द होगी

तेरे हिज्र में, बरसे है आँखों से मोती
निर्मम बरसात की कोई हद्द होगी

मुद्दते गुज़री, तरसे है तेरे लिए
इस तड़प, तरस की कोई हद्द होगी




फुरकत - separation
उम्मीदे-मर्ग -wish to die
तासीर-ए -नज़र -impact of her eyes
जा-ओ-बेजा -appropriate-inappropriate
हिज्र - separation

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