Sunday, November 25, 2012

'दिलगीर' , उनकी बज़्म से, दिल पे ख़ार ले आये 
समझे नहीं वो, हम लौटते, प्यार अपना ले आये 

'गमे -जाना' चेहरे पर, शिकन  तो ले आता है 
आँखों का पानी मगर, हम उनको तोहफा दे आये 

'सरे-अफ़्लाक' पर शब भर, चाँद-तारे रहे मगर,
सहर हुई, सूरज की तपन, फलक को तन्हाई दे आये 

'दहर' में होंगे, और भी, हमसे काबिल दीवाने 
'जू-ए -रवा' से इश्क को अपने, 'कतरा-ए-शबनम' कह आये 

'अफ़सू' है उसकी चाहत का,उसमे बुराई दीखती नहीं 
'गुरेज़ा ' होने की वजह , हम नाम अपना दे आये 




दिलगीर- sad
गमे -जाना-pain for lover
सरे-अफ़्लाक-sky
दहर-world
जू-ए -रवा-flowing river
कतरा-ए-शबनम-dew drop
अफ़सू-magic
गुरेज़ा-sad

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