Tuesday, July 5, 2011

तेज़ हवा ने चेहरे को जुल्फों से ढक दिया
नम आँखों ने पलकों में तेरा चेहरा रख दिया

भूल गए थे पीना, एक अरसे से प्यास रही
ऐसे याद आया कोई, हर मय को चख लिया

दामन में ख्वाबो का पलना कैसे हो मुमकिन
पल्ला मेरे सर का लेके, किसीने रख लिया

सुना था चाहतो का कोई स्वाद नहीं होता
हमने तेरे इश्क में, हर जाएका है चख लिया

ख्याल जो हर बार मिला देते है मुझे तुझसे 
आज उन सबसे मैंने,  कह दिया  तख़ लिया 
 

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