ईमान और कुफ्र में फर्क इतना है
तेरी और मेरी, सोच में जितना है
खुदा और ख्वाब, दोनों है यहाँ
देखें इनकी नियत में जोर कितना है
अश्को की आबरू तो, ऐसे उतर गयी
इल्म हुआ आज, दिल कमज़ोर कितना है
जूनून वस्ल का है, इरादे मोहब्बत
अफ़सोस प्यार में ये इंतज़ार कितना है
शमा और शराब, माहोल बन गया
तू नहीं मौजूद, बस ग़म इतना है
उल्फत मेरे दिल में, नफरत तेरे दिल में
फर्क दोनों दिल में बस प्यार जितना है
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