Tuesday, October 19, 2010

अनजाने बन जाना तुम,
सुनकर अब आवाज़ मेरी
इसी से किस्से सुलझेंगे
ऐसे ही हल आएगा


करना कुछ ताना जोरी
कुछ कडवी बातें केह देना
प्यार को थोडा रुसवा करना
ऐसे ही बल जाएगा


गुज़रे कल को ठोकर देकर
आज को सुन्दर कर देना
लेकर दिल का सपना कोई
ऐसे ही कल आएगा


गुज़र गया कुछ हसी ख़ुशी में
कुछ अश्कों में डूब गया
बाकी का भी जीवन ऐसे
यादों में ढल जायेगा

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