Sunday, September 19, 2010

आज फिर कुछ रिश्ते देखो, छुट गए मेरे हाथों से
लूट गया ले जाना वाला, सपने मेरी रातों से

चोरी हुई मेरी मर्ज़ी से
हाथ छोड़ा  मुझे पूछ कर
लेकर मेरी ही इजाज़त
चला गया वोह रूठ कर

ये  भी कहा था उसने मुझसे, कहते कहते बातों में
आँख में आंसू कभी ना लाना, रोकर मेरी यादों में

इतना कहकर चल दिया वो
रुका नहीं उन राहों में
कहनो को मुझे छोड़ गया पर
ले गया अपनी बाँहों में

प्रेम के सबब सिखा गया वो, चंद ही मुलाकातों में
उम्र भर की याद दे गया, प्यार की सौगातों में

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